जो न कभी खत्म होंगे और न उनकी कोई रोक टोक और कहा करते थे कि भला जब हम मर जाएँगे और (सड़ गल कर) मिटटी और हडिडयाँ (ही हडिडयाँ) रह जाएँगे तो हमने उन्हें कुँवारियाँ प्यारी प्यारी हमजोलियाँ बनाया لَمَجْمُوْعُوْنَۙ اِلٰى مِيْقَاتِ يَوْمٍ مَّعْلُوْمٍ और जो आगे बढ़ जाने https://www.bacadenk.com/4786/surat-al-waqiah-arab.html