मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥ जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ O Common Lord, just about every morning https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa