बड़ पीपल की थान, जहाँ बैठा अजाजील शैतान मेरी शबीह मेरी सूरत बन फलानी को जा रान, जो राने तो धोबी की नाद चमार की खाल कुलाल की माटी पड़े तो राजा चाहे राजा का, मैं चाहूँ अपने काज को, मेरा काम को, मेरा काम न होगा तो आनसी मैं https://thetopsdirectory.com/listings13047795/a-simple-key-for-vashikaran-unveiled